तेहरान के इमाम जुमा हुज्जतुल इस्लाम अबुतुराबी फर्द ने कहा कि ईरान के राष्ट्रपति की चीन यात्रा और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भागीदारी इस साल की एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि जब अमेरिका एकतरफा रुख, धमकियों, प्रतिबंधों और टैरिफ के माध्यम से वैश्विक व्यवस्था को प्रभावित कर रहा है, ऐसे में शंघाई सहयोग संगठन का शिखर सम्मेलन बहु-ध्रुवीय व्यवस्था को पुनर्जीवित करने और प्रतिबंधों के प्रभावों से निपटने के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।
हुज्जतुल इस्लाम अबुतुराबी फर्द ने कहा कि शिखर सम्मेलन के अंतिम बयान में ज़ायोनी हमलों की कड़ी निंदा की गई है और स्पष्ट किया गया है कि यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का स्पष्ट उल्लंघन और ईरान की संप्रभुता पर हमला है।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक परिदृश्य से परिचित लोग जानते हैं कि इस तरह के बयान पारदर्शिता और स्पष्ट रुख का प्रतीक हैं। इस बयान में यह भी कहा गया कि यह कार्रवाई क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक है।
उन्होंने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के प्रतिभागियों ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 2231 के महत्व पर जोर दिया और कहा कि इस प्रस्ताव का अनुपालन अनिवार्य और पूर्ण रूप से किया जाना चाहिए।
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